विद्यार्थी जीवन
विद्यार्थी जीवन
कितना सरल हमारा जीवन
था वो हमें बताता था
विद्यार्थी जीवन में बच्चा
कितना सरल हो जाता था।
पढ़ने लिखने जाता है स्कूल
और बच्चा मेधावी कहलाता था
यादें बचपन की लेकर वो
सरल सहज हो जाता था।
मन था कोमल निश्चल मन था
प्रेम अथाह समाता था
बाल क्रीड़ा इस समय में दुर्लभ.
समय यादें देकर जाता था।
ज्ञानार्जन के लिए बच्चा
स्कूल पढ़ने जाता था
शुद्ध रूप से बच्चा विद्यार्थी
मन को ख़ूब लुभाता था।
नई-नई किताबें बस्ता
नई ख़ुश्बू फैलाता था
स्कूल की घंटी बजते हैं
प्रार्थना में जाता था।
छुट्टी होने पर विद्यार्थी को
घर की याद सताती थी
सरपट सरपट भाग भाग कर
बच्चा घर को आता था।
