इन्तेहा हो गई
इन्तेहा हो गई
करोगे प्यार जब तुम भी तो
माफ करना सीख जाओगे
भुला कर सौ गलतिया सनम की
फिर से एक हो जाओगे
दिल की चाहत के रंग
होते हैं असंख्य
आशिकी में सनम
रुला कर मनांना सीख जाओगे
तडफ इस इश्क की सजना
जलाती है भिगोती है
किसी के इश्क का झूठा
फल तुम बेबसी में अपनाओगे
मुझे अपने कफस का वाक्या
अलफ बे तक जुबानी याद है जानम
गुलाबी फ्रॉक में वो तेरा भीगना जानम
मिरे दीदार की खातिर अम्मी के तमाचे को
ख़ुशी से झेल जाना याद है जानम
करोगे प्यार जब तुम भी तो
माफ करना सीख जाओगे
भुला कर सौ गलतियाँ सनम की
फिर से गले लगाओगे।