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DR ARUN KUMAR SHASTRI

Classics Fantasy Inspirational

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DR ARUN KUMAR SHASTRI

Classics Fantasy Inspirational

@चैतन्य@

@चैतन्य@

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एक प्रश्न हम से है जो जुड़ा, 

इस जगत में जड़ या चैतन्य कौन है बड़ा ?


मैंने देखा जड़ का विस्तार सम्पूर्ण जगत में। 

चैतन्य से होता है बृहद और कई गुणा।


जड़ की क्षमता के आगे चैतन्य बौना पड़ जाता है।

मेरा इस जीवन का अनुभव, यही बतलाता है।


चैतन्य का विकास, सुनिश्चित सीमाओं से है बँधा।

और जड़ तो जड़ है जैसा था वैसा ही रहता पड़ा।

न श्वास , न गति , न प्रगति , न ही कोई मति।

अरे ये तो पत्थर जैसा होता है, इसकी क्या सहमति।


लेकिन शक्ति और सामर्थ्य में इसके आगे।

हमेशा हमारा सर्वस्व चैतन्य बौना पड़ जाता है।


एक प्रश्न हम से है जो जुड़ा, 

इस जगत में जड़ या चैतन्य कौन है बड़ा ?


माना की मेरी बुद्धि तृण के समान है। 

मात्र जितना ज्ञान है वही मेरा संसार है।


जो देखा, पाया, सीखा, वो तो सिर्फ बूँद , समान है।

और जड़-चेतन का प्रश्न तो बहुत ही विशाल है।     


फिर भी इस पर लिख रहा, ये पटल का विधान है।  


एक प्रश्न हम से है जो जुड़ा, 

इस जगत में जड़ या चैतन्य कौन है बड़ा ?


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