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Rajeev Tripathi

Inspirational

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Rajeev Tripathi

Inspirational

उपेक्षा

उपेक्षा

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किसी को उपेक्षित करना ठीक नहीं

उपेक्षा हीं से हमारे ख़िलाफ़ 

इक आवाज़ उठती है

इसके साथ-साथ कई लोग हमारे

विरोध में उठ खड़े होते हैं


विरोध में मनाने की गुंजाइश

ज़रा कम होती है 

सभी व्यक्ति तो हमारे अनुकूल नहीं हो सकते

फ़िर उपेक्षा की आवाज़ उठती है


किसकी बात माने और किस की छोड़ दें 

रूठने मनाने की आजमाइश होती है 

हर समस्या का समाधान समूह में

चल रहे द्वंद और समस्या के समाधान से

जुड़ा होता है


व्यक्ति का समूह जब समस्या को

लेकर आगे बढ़ता है

तो उसकी भी कोई मजबूरी होती है 

अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना

कभी बुरा नहीं होता


अपने अधिकारों के लिए लड़ना

यह आदत कहाँ बुरी होती है।


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