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Dr Rajmati Pokharna surana

Abstract

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Dr Rajmati Pokharna surana

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तजुर्बा

तजुर्बा

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जिंदगी को जीते जीते इतना तजुर्बा हो गया, 

जीवन यही है ऐसे ऐसे ही जीना होगा। 

खोना पाना, जिंदगी के तजुर्बे के उपक्रम, 

हमें तो इन्हीं हालातों में जीना होगा। 


जिंदगी के कुछ कड़वी सच्चाइयों का कर सामना, 

अपनी आदतों में कर बदलाव इसे बसाना होगा। 

सिलसिला जिंदगी का तजुर्बे से चलता रहेगा, 

खुशियों, उदासियों के साथ फिर भी हमें जीना होगा।


तजुर्बा ही तो जिंदगी को जीने की राह दिखाते हैं, 

दर्द ए दिल मिलने पर भी हमारा हौसला बढ़ाते हैं, 

तजुर्बा हो गया अब जिंदगी का इतना मुझे कि,

जिंदगी का कैसे करें सामना तजुर्बा सिखाते है। 


लोगों के मशविरे जिंदगी के तजुर्बे बन मिलते रहे,

मौत के हर क़दम कदम पर साँसो को हम जीतते रहे ,

अजीब सी जिंदगी अजीब सी अकुलाहट मन में होती है, 

उम्र थी हमारी कम ,उम्र से ज्यादा तजुर्बे मन में आते रहें। । 



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