बरसाते
बरसाते
आज फिर झमाझम बारिश हुई मेरे शहर मे,
भीगता रहा मन मेरा यादों के सफ़र में,
तेरी यादो की बारिश ने मुझे बेहाल किया,
बहुत रोये याद कर आज तेरे शहर में।
रिमझिम रिमझिम बूँदों का था वो शमाँ,
अविरल अश्रूधार का बहना कैसा था मंजर,
सिसकते रहे तेरी यादों में डूब कर सनम,
खुद से हम बेगाने से हो गए तेरे शहर में।
स्मृतियाँ, विस्मृतियाँ का आना जाना,
मन का तडपना और दिल का मचलना,
मिलने की आस में निकल पड़ घर से,
आ गए एक बार पिर से हम तेरे शहर में।
बरसात, घनघोर घटाऐ फैली थी चहुँओर,
तेरी गलियों में घूमते हुए भीगते रहे हम,
व्यथित मन को समझाना बहुत मुश्किल,
तेरी यादों की बारिश संग भीगते रहे तेरे शहर में।।