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Dr Rajmati Pokharna surana

Romance

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Dr Rajmati Pokharna surana

Romance

हाँ, मै जानती हूँ

हाँ, मै जानती हूँ

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हाँ मैं जानती हूँ,

और पता है मुझे,

तुम बहुत व्यस्त रहते हो,

सब कुछ संज्ञान में है मेरे।

तुम्हारे जीवन की व्यस्तता,

तुम्हारे काम के प्रति समर्पणता,

अच्छा लगता है देख कर,

तुम्हारी यह कर्मण्यता।


पर तुम भी अचानक,

बात करते करते,

बीच में ही छोड़ देते हो,

और मैं इन्तजार करते,

थक जाती हूँ..........।


गुज़ारिश है तुम से,

जब कभी भी मैं,

जिंदगी से हार जाऊँगी

,

इस जिदंगी से घबरा जाऊँगी।


तन्हाई का आलम इतना होगा,

अश्क आँखो से रूक नहीं पायेंगे,

तुम को खोने का मन में भय,

जब मेरे मन में आयेगा।


जब तुम्हें लगने लगे,

अब तुम को मेरी जरूरत नहीं,

हमारे रिश्ते का अंत,

समीप दृष्टिगत होने लगे।


तुम तब सिर्फ़ एक बार,

कुछ वक़्त मेरे नाम निकाल देना 

मेरे दिल के हालात पूछो,

ये तुम्हारी इच्छा पर तुम

एक बार मुझसे बात कर लेना।


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