होली के रंग
होली के रंग
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कैसा है ये ढंग
तेरे मन का सनम,
दिल से क्यूँ है बेरंग,
आओ मिलकर खेले
होली के हम रंग।
जिन्दादिल है तू,
जिन्दगी बिन्दास हो जी,
मस्तियाँ, नादानियाँ,
गुलाल और पिचकारियाँ,
सजा जीवन के रंग।
उन्मुक्त गगन,
उन्मुक्त हो उड़ान,
जिन्दगी है तेरी,
मत हो परेशान,
जी ले मन के संग।
निराले है ये सारे रंग,
लाल इश्क का है तो,
पीला दोस्ती के इजहार का,
श्वेत सादगी शान्ति का,
जी भी ले इनके संग।
रंगीन कर ले तू,
रिश्तो की दुनिया,
गिले शिकवे छोड दे,
प्यार के रंग भर दे,
खुशी से खिल जाए अंग।