रंगोत्सव
रंगोत्सव
अबकी होली में साजन तुम मुझको,
रंगों से सराबोर कर देना तुम,
प्रीत का लाल रंग सजा मांग में मेरी,
अपनी चाहत का लाल रंग भर देना तुम।
रुठ जाऊं मैं यदि प्यार में में तूमसे,
मधुर मुस्कान चेहरे पर दे देना तुम,
गुलाबी रंग मखमली मेरे गालों पर लगा,
हो सके तो संग मेरे मुस्करा देना तुम।
फागुन की मदभरी बहार चले जब,
नवकोंपल से मेरी गोद को महका देना तुम।
हरा भरा सुन्दर रंगों से सजे परिवार,
धानी चूनर पहना दिल को महका देना तुम।
लाल पीली चुनरी ला कर मुझको,
प्रीत की पीलिमा में डूबो देना तुम,
फागणिया चाहत का मंगवा कर ,
लाल सफेद रंग से बहका देना तुम।
कजरारे कजरारे नैनों को पिया,
आंखों में लगा प्यार से देना तुम,
काला रंग का टीका लगा कर ,
जमाने की बुरी नजर से बचा देना तुम।।