उम्मीद की डोर
उम्मीद की डोर
यारों मैंने बांधे है ख्वाब अपने
विश्वास और उम्मीदों की डोर से,
कदम है जमीन पे अभी,
पर नजरें आंसमा के छोर पर।
यारो थोडा धीमा हो गया हूं,
यह बात तो पक्की है,
पर अब रूकूंगा नहीं,
यह भी नक्की है।
हौसलों की स्याही से लिखता हूं,
कहानी में अपनी,
शब्दों की दुनिया में बनानी है,
मिसाल अपनी।
जोश जुनून कम नहीं होगा,
कर्मो का तूफान कम नहीं होगा,
कोशिशें में द़र-बद़र करता रहूंगा,
जब तक है जान लड़ता रहूंगा।