किस्मत
किस्मत
ऐ दोस्त,
क्यूँ ढूंढता फिरता तू
किस्मत अपनी हथेली में,
पांव के टखने और
तेरी जी तोड़ मेहनत,
से बढ़कर कुछ नहीं,
गर तू कर सकता मेहनत,
और लगन से अपने काम,
मान मेरा यकीन, भाग्य तो क्या,
हाथों की लकीरें भी बदलेंगी,
सिर्फ कर्म पथ को चुन,
तेरी लकीरें तो क्या
सितारे भी चमकेंगे,
कर्म पथ पर चल।
रास्तों को जोड़, कांटों को तोड़,
आसमान को हम छूने चले हैं,
बदलने चले हैं जमाने को,
हम आगे बढ़ने चले हैं,
दोस्तों इरादे नेक हों तो,
मंजिलें कदमों तक आती हैं,
चाहे कोई भी मुश्किलें आयें,
खामोशी से रास्ता छोड़ देती है।
जिंदगी हर मोड़ पर मारेगी डंडे,
पर तुम गाढ़ देना सफलता के झंडे।
