स्नेह के रंग
स्नेह के रंग
यारो प्यार के रंगों से,
भरो मधुरतम पिचकारी,
स्नेह के रंग से रंगदो दुनिया सारी,
ये रंग ना जाने कोई जात-पाँत न बोली,
दिल से दिल मिलाकर खेलो ये होली,
इस साल कुछ ऐसा कर दिखादो,
भेद भाव द्बेष जलन को मिटादो,
ये देश आपसी प्यार का भूखा है,
हर रिश्ता हमारा,प्यार को ढूंढता है,
चलो दोस्तो एक नयी पहल करते हैं,
हर एक देशवाशी को प्यार से रंगते हैं,
आपसी सामजस्य से गुलाल लगायें,
प्यार का एक नया इतिहास रचाएं,
रंगों की न होती कोई जात-पात,
वो तो लाते बस खुशियों की सौगात,
हाथ से हाथ,गले से गले मिलाते चलो,
होली के रंग बिरंगे कलर लगाते चलो,
सफल हमारा मिशन तब ही होगा
जब सच्चा प्यार इन रिश्तों में झलकेगा,
होली का असल अर्थ ही है
नफरत और घृणा को बाहर
निकालकर प्रेम करो।
नफरतों की होलिका जलाओ,
प्रेम प्यार के रंग बरसाओ।