मुखौटे
मुखौटे
चेहरे ही मुखौटे हैं, मुखोटो में ही चेहरे हैं,
इस बदलते दौर में यही मुखौटे तो गहने हैं।
जान न पाये कोई रंग मुखौटे का,
हर दिन बदल के जो पहने हैं,
चेहरे ही मुखौटे हैं, मुखोटो में ही चेहरे हैं।
दिल में किसके क्या छुपा है,
मुखौटे पहने हर कोई खड़ा है।
खुल न जाएँ राज मुखौटे का,
इसी राज में सबके पहरे हैं।
चेहरे ही मुखौटे हैं,
मुखौटों में ही चेहरे हैं।
जीतने की चाह है सभी को,
मुखौटों ने अपनों को हराया है।
मन में कितका बेर है किसके,
बस मुखोटो ने ही छुपाया हैं।
सुंदर जितने दिखते मुखौटे,
इनमें दाग उतने गेहरे हैं,
चेहरे ही मुखौटे हैं,
मुखौटों में ही चेहरे हैं।
जीना कितना, अंत कब है ?
मुखौटे की कोई उम्र नहीं।
पल भर में बदल जाये मुखौटा किसका,
इसका किसी को भ्रम नहीं।
जानते है जीना,
सिर्फ मुखौटे के सहारे है,
चेहरे ही मुखौटे हैं,
मुखौटों में ही चेहरे हैं।
ईश्वर का दिया ऐश्वर्या,
बदलते मुखौटे पर समाए हैं,
उड़ जाता रंग मुखौटे का,
जब अपनो के मुखौटे ही बदले पाए हैं।
उम्मीद न रहे अब इन
बदलते मुखौटों से,
बदलते मुखौटे न जाने कब
अपने और कब पराये हैं।
बदलते मुखौटे की पहचान है सभी को,
एक मुखौटा हर कोई समाये हैं।
यही बदले मुखौटे आज मोड़ में ठेहरे है,
चेहरे ही मुखौटे हैं, मुखौटों में ही चेहरे हैं।
