श्री राधे रानी
श्री राधे रानी
श्री राधे रानी हमारी वृषभान की दुलारी
बरसाने वाली वो तो कृष्ण की है प्यारी
बृज की है जो स्वामी भक्तों की जो है प्यारी
लीला उसकी न्यारी वो तो कृष्ण की दीवानी
चंद्रवती सी लागे जगदम्बा सा स्वरूप है
मोहन की मोहिनी लागे मधुर सुखद स्वरूप है
कानों में कुंडल प्यारे मुख पर सुंदर भाव है
नील पट पे लाल ओढ़नी कंठ में हीरा को हार है
वाणी में है मधुरता बृजधाम में करती लीला
गोपियों के संग रास रचाए वंशीधर मोहन कृष्णा
कृष्ण के रंग में रंग गई बरसाना की वो छोरी
प्रेम की अलख जगा गई वो राधा रानी हमारी
राधा राधा पुकारे कान्हा बृज में शोर मचाए
राधा की तस्वीर को दिल में अपने सजाए
कृपा की मधुर धारा बहती राधे चरणों में
राधे करो कृपा ऐसी तन छूटे श्री चरणों में।
