जो ना समझे
जो ना समझे
जो ना समझे ठोकर खाकर,
वो क्या करेगा सब कुछ पाकर ,
जो ना समझे अपने पराए ,
समझो अपनी दुनिया गवाएं ,
जो ना समझे किस्मत की चाल,
वो रहता हरदम बेहाल ,
जो ना समझे मन की बात ,
परेशान रहता वो दिन रात ,
जो ना समझे प्यार की भाषा ,
उस से रखो न कोई आशा ,
जो ना समझे खुद अपने को ,
वो झूठ समझता हर सपने को।।