मैं भूल चुका
मैं भूल चुका
एक साथ पढ़ा था क्या ?
नहीं तो एक ही मंच पर
एक ही सीट में !
कतार में खड़े ऊबते वक्त
अथवा किसी बस स्टोप में ?
नहीं तो
दूरभाष की निदेशिका में , नहीं ।
न्योता पानेवालों की सूची में
या फिर कभी
मदद पहुँचानेवाले लोगों के
महान दल में
ऐसा भी नही
आप
इस तरह ही थे ?
कभी किसी बात में
आपका नाम आया हुआ
याद नहीं ।
आप
सपनों के पुरुष के समान है
अंधकूप में गिरा व्यक्ति
गाड़ी का चालक
सागर के भी पहले
मुझे रोक रखा ।
वैसा वैसा
मुझे
लगता है
कि आपका नाम
भूलने के लिए हैं।
मैं गूँगा हूँ
ऐसा सोचना
सामने का एक उपाय
आप बहिरे हैं
उपाय दूसरा भी ॥
