वसंत आया
वसंत आया
मस्त खुशी की वेला है यह
वसंत राजा भूतल उतरे।
रंग बिरंगे ताज पहनकर
सबको मोहित करने आए।
अंधकासुर नाम का दानव
अंधकार बिछाकर टहला।
उसका वध कर डालना है
यह,शिव सुत द्वारा संभव था
कामदेव के कहने पर फिर
शक्ति का तप करके विधाता
सरस्वती को प्रकट किया नव
सृष्टि का भी सृजन किया।
पुष्पित होकर वसंत आया
नयनों को नव दर्शन देने
आम की मंजरियों को थामे
हाथी जैसा वसंत आया।।
