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ANANDAKRISHNAN EDACHERI

Children Stories

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ANANDAKRISHNAN EDACHERI

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कोयल

कोयल

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जागा सबेरे पहले जागा

मैं ही जागा सबसे पहले

कैसे जागा सबसे पहले

बोलूँगा मैं जरा सुनो ॥


कोयल की मधुर आवाज तो

मेरे कानों में आ गूँज उठी

किसको पसंद न लग जाता

धवनिमय स्वर तो कोकिल का

आओ कोयल पास आओ 

लंबा काला पंख पसार

श्याम रंगिनी बोली तेरी

सुनने में है कितना मज़ा

कितना मजा है कितना सुख है

तुझे सबेरे देखने सुनने को !!

अपने हाथ की रोटी लेकर

उड उड जाओ कोयल रानी ।



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