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ANANDAKRISHNAN EDACHERI

Others

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ANANDAKRISHNAN EDACHERI

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महादेवी , तू पुण्यवती !

महादेवी , तू पुण्यवती !

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महादेवी तू मही की कवि !

अमर रहे इस दुनिया में ।

कभी न जोखों में डालेगा

दुनिया भी भूलेगा नहीं ।

नीहार रश्मि नीरज मिल जुल

यामा रचकर ख्याति पाई ।

सर्व समुन्नत ज्ञानपीठ पर

यामा को तू बिठाई हाय !

विश्वविजेता कवि कुल दल में

बीसवीं सदी में ज्वलित रही ।

कृष्ण प्रेम में अटल रही थी

महादेवी तू पुण्यवती । ।

अन्य कविजनों से भी बढकर

दमक रही है तेरी ख्याति ।

कविता प्रेमी पाठक गण को

अविरत परमानन्द दिया ॥

सत्तासी के विकृत रूप तो

हिंदीवाले दुनिया वाले

मनोव्यथा से याद करेंगे । 

यामा को पढ़ गर्व करेंगे ॥

छायावादी युगप्रिय कवि ,

तू ने पूरा किया था उसको ।

हरे कृष्ण तुम इस विनया को

दर्शन लाभ दिया था क्या ?



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