लक्ष्य को प्राप्त करने हेतू, मुझमें नव उत्साह भर दे। लक्ष्य को प्राप्त करने हेतू, मुझमें नव उत्साह भर दे।
कवियों की लेखनी से बहती झर झर निर्मल प्यारी है गंगाजल सी पावन देखो ऐसी हिंदी हमारी है कवियों की लेखनी से बहती झर झर निर्मल प्यारी है गंगाजल सी पावन देखो ऐसी हिंदी...
विश्व का अभिशाप क्या अब नींद बनकर पास आया? अमरता सुत चाहता क्यों मृत्यु को उर में बसाना? जाग तुझको... विश्व का अभिशाप क्या अब नींद बनकर पास आया? अमरता सुत चाहता क्यों मृत्यु को उर म...
आँसुओं का कोष उर, दृग अश्रु की टकसाल, तरल जल-कण से बने घन-सा क्षणिक मृदुगात; जीवन विरह का जलजात! आँसुओं का कोष उर, दृग अश्रु की टकसाल, तरल जल-कण से बने घन-सा क्षणिक मृदुगात; ज...
वह हँसी बहुत कुछ कहती थी, फिर भी अपने में रहती थी, वह हँसी बहुत कुछ कहती थी, फिर भी अपने में रहती थी,