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Meena Mallavarapu

Abstract Inspirational

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Meena Mallavarapu

Abstract Inspirational

ख़ुद्दारी

ख़ुद्दारी

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मन मेरा पूछे मुझसे बार बार

सजदा क्यों करे उसका कद्र नहीं जिसे तेरी


खुद्दारी की तौहीन क्यों हो कबूल तुझे

कसमों की, वादों की वह दुनिया


वह जुनून जवानी का- सब्ज़ बाग़ तुझे

दिखाए जिसने-मोहब्बत ठुकरा दी जिसने तेरी


आंखों में आंसू भर कर यूं , मांग न उससे भीख

 परवाह न करे तेरी , नज़र जिसने तुझसे फेरी


आंसू न बहा, फरियाद न कर, इतना सीख

इज्ज़त न मिले, मोहब्बत रुसवा जिस रिश्ते में


बाइज्ज़त बरी होना उस रिश्ते से, तू भी ले सीख।


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