चावल मिले कुमकुम से
चावल मिले कुमकुम से
चावल मिले कुमकुम से,
तो तिलक बन लगता है,
चावल मिले दाल से,
तो खिचड़ी बन खिलाता है,
चावल मिले दुध से,
तो खीर बन लुभाता है,
चावल मिले सब्जी से,
तो पुलाव बन जाता है,
हर हाल में वह अपना ही
गुण सबको दिखाता है,
काश हम भी चावल की तरह,
बन कर समाज में मिल जाते,
और कुछ नया कर पाते,
और इस जहां का भला कर जाते।
