दो पढ़े लिखे लोग भेड़िया बनते दिखे दो पढ़े लिखे लोग आँखें सुर्ख लाल करते दिखे दो पढ़े लिखे लोग भेड़िया बनते दिखे दो पढ़े लिखे लोग आँखें सुर्ख लाल क...
क्या इतराई खुशियां चढ़ी ये कैसी गुलाल उड़ी। क्या इतराई खुशियां चढ़ी ये कैसी गुलाल उड़ी।
दो चार दिनों से कटोरे मे रखा बासी चावल खाकर गुजारा करना होता है दो चार दिनों से कटोरे मे रखा बासी चावल खाकर गुजारा करना होता है
परिवार के साथ बैठ के खाने का मज़ा ही कुछ और होता। परिवार के साथ बैठ के खाने का मज़ा ही कुछ और होता।
अब कर्जों में बैठा थाती हूँ हाँ अब मैं प्रवासी हूँ। अब कर्जों में बैठा थाती हूँ हाँ अब मैं प्रवासी हूँ।
सबकी तरक्की हो जहाँ वो मेरा प्यारा भारतदेश। सबकी तरक्की हो जहाँ वो मेरा प्यारा भारतदेश।