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Navin Madheshiya

Drama

3  

Navin Madheshiya

Drama

ये कैसी होली

ये कैसी होली

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होली की गुलाल उड़ी

जिनके घर फिके थे

ना जाने कौन सी हवा चली

होली की गुलाल उड़ी।


जिनके आंगन में 

चावल का एक दाना ना था

क्या उनके आंगन में

पूआ गुलाल सजी

होली की गुलाल उड़ी।


बिसराई रही खुशियाँ जिनसे

उन मुरझाई चेहरो पर 

क्या इतराई खुशियां चढ़ी

ये कैसी गुलाल उड़ी।


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