बातें अपनी
बातें अपनी
मैं बातें करता अपनी, वह समझती कुछ और है
मैं बातें करता प्रेम की ,वह पहुंचती कहीं और है
रास्तों की न थी खबर उन्हें
पर मंजिल थी हमारी
खोए थे हम उनमें
पर उनके ख्यालात कहीं और है
मैं बातें करता अपनी ,वह समझती कुछ और है
मैं बातें करता प्रेम की ,वह पहुंचती कहीं और है