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Navin Madheshiya

Inspirational

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Navin Madheshiya

Inspirational

औरत

औरत

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हर फूल उजड़ी है अपनी डाली से

दोष केवल हाथों का नहीं

कुछ चमन भी बेवफा थे

जो हवाओं को रोक सके नहीं

        

      ‌  कुछ कमियां हम में थी

        कुछ कमियां उनमें थी

        बात करें क्या उन हवाओं की

       जब कमियां सब में थी


माना एक के साथ जुल्म हुआ

एक ने जुल्म किया बहुत

इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों को

धूमिल किया बहुत


        नया जमाना आया है 

        नई बातें होनी है

       हम नई पीढ़ी के युवा है

       नई रीत बनानी है।


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