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Dr. Vijay Laxmi"अनाम अपराजिता "

Abstract Inspirational

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Dr. Vijay Laxmi"अनाम अपराजिता "

Abstract Inspirational

आजादी के किस्से भाग (2)

आजादी के किस्से भाग (2)

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हम आजाद के वंशज है, इस आजादी को छिनने न देंगे ।


कोई आँख भी दिखाये चमन पे, हम आँख ही निकाल लेंगे ।

अपना भी यदि कोई करे दगा, उसको भी सबक सिखा देंगे ।

हम माँ के धूल भरे लाल हैं, दुनिया पर परचम फहरा देंगे ।


हम आजाद के वंशज है, इस आजादी को छिनने न देंगे ।


चढ़ गये जो हंस कर सूली, खाई जिन्होंने सीने पर गोली ।

आहुति दे जीवन की देशहित, क्या उनका सम्मान भुला देंगे ।

तिरंगा हमें ये जान से है प्यारा, इसकी शान न जाने देंगे ।


हम आजाद के वंशज है, इस आजादी को छिनने न देंगे ।


न हिन्दू बनेंगे न मुसलमान बनेंगे, माँ के लाल हैं इंसान बनेंगे ।

कस ली है कमर अब कुर्बानी की तो फिर कफन से भी न डरेंगे।

अशफ़ाक उल्लाह, मंगल पाण्डे के कदम के निशां में बढ़ते चलेंगे ।


हम आजाद के वंशज है इस आजादी को छिनने न देंगे ।



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