आजादी के किस्से भाग (2)
आजादी के किस्से भाग (2)
हम आजाद के वंशज है, इस आजादी को छिनने न देंगे ।
कोई आँख भी दिखाये चमन पे, हम आँख ही निकाल लेंगे ।
अपना भी यदि कोई करे दगा, उसको भी सबक सिखा देंगे ।
हम माँ के धूल भरे लाल हैं, दुनिया पर परचम फहरा देंगे ।
हम आजाद के वंशज है, इस आजादी को छिनने न देंगे ।
चढ़ गये जो हंस कर सूली, खाई जिन्होंने सीने पर गोली ।
आहुति दे जीवन की देशहित, क्या उनका सम्मान भुला देंगे ।
तिरंगा हमें ये जान से है प्यारा, इसकी शान न जाने देंगे ।
हम आजाद के वंशज है, इस आजादी को छिनने न देंगे ।
न हिन्दू बनेंगे न मुसलमान बनेंगे, माँ के लाल हैं इंसान बनेंगे ।
कस ली है कमर अब कुर्बानी की तो फिर कफन से भी न डरेंगे।
अशफ़ाक उल्लाह, मंगल पाण्डे के कदम के निशां में बढ़ते चलेंगे ।
हम आजाद के वंशज है इस आजादी को छिनने न देंगे ।
