STORYMIRROR

Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance Tragedy

4  

Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance Tragedy

इश्क का राग

इश्क का राग

1 min
414

भले ही मैं अकेला हुआ हूँ सनम, 

संगीत में मेरा मन लगाया करूँ , 

सूर और साझ की साधना में डूबकर, 

मेरी गमगीनी को मैं दूर किया करूँ।


जब जब याद आयेगी सनम तेरी,

शिव रंजनी से करुणा बहाया करूं,

जाने बाले कभी वापस नहीं आते,

यह हकीकत का सामना किया करूँ। 


अब तो मकसद एक ही है सनम मेरा,

तेरी याद में इश्क का संगीत बहाया करूँ,

मालकौंस राग की मधुर गत बजाकर मैं,

मेरा जीवन हरदम बिताया करूँ।


दिल में बसी है सनम तस्वीर तेरी,

तस्वीर की इबादत मैं किया करूँ,

देवी थी तू मेरी संगीत साधना की,

तेरे इश्क की धूप दीप जलाया करूँ।


चाहता रहूंगा जीवन भर सनम तुझ को,

इश्क का राग मैं हर पल गाया करूँ,

तेरी मधुर यादों की सरगम से "मुरली",

इश्क की मीठी तान मैं छेड़ा करूँ।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance