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Meena Mallavarapu

Tragedy

4  

Meena Mallavarapu

Tragedy

ग़म नहीं...

ग़म नहीं...

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ग़म नहीं गर तूने न साथ दिया

ग़म नहीं तुझ पर विश्वास किया

ग़म नहीं मैंने तेरा साथ दिया

ग़म नहीं तूने मुझे पराया समझा

ग़म नहीं हम मिले और बिछड़े

ग़म नहीं दिल उलझनों में उलझा

ग़म है तो बस इतना,दोस्ती हुई शर्मसार

किस मुंह से कहूं दोस्त ने दिया क्या सिला

उस की नहीं - है यह मेरी अपनी हार।



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