STORYMIRROR

Irfan Alauddin

Romance Tragedy

4  

Irfan Alauddin

Romance Tragedy

रिवायत इश्क़ की

रिवायत इश्क़ की

1 min
298

रिवायत इश्क़ की तुम तो भूल गए

हम तो तुम्हारे थे तुम हमें छोड़ गए


ज़माने के खौफ़ से हमें छोड़ दिया

वादा जो किया था तुम वो तोड़ गए


यहाँ भी मोड़ आया मजबूरियों का

जाते जाते तुम तो हमें भी तोल गए 


वो महफिले वो बातें सब याद हैं 

अँधेरो के साथ तुम हमें छोड़ गए


जहाँ से निकले थे वहीं आ गए हम

मोहब्बत में तुम तो हमें तोड़ गए 


तेरी बेवफ़ाई का कोई ग़म नहीं जाँ

इऱफान टूटा हुआ था तुम और तोड़ गए.


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance