जा-ब-जा जू-ब-जू तू ही तू जुस्त
जा-ब-जा जू-ब-जू तू ही तू जुस्त
बहरे मुतदारिक मुसम्मन सालिम
फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन
२१२ २१२ २१२ २१२
जा-ब-जा जू-ब-जू तू ही तू जुस्तजू
मैं जहां भी रहूं तू रहे रू-ब-रू
ये ज़मी आसमाँ ये सितारे जहाँ
ढूढता हूँ तुझे खो गई तू कहाँ
राह में भी निशाँ तेरे मिलते नही
इश्क़ के फूल भी अब तो खिलते नही
हो सहर किस तरह रात कटती नहीं
ख़बर तेरे आ ने की तो मिलती नहीं।