बहुत कुछ था कहने को पर नहीं मालूम क्यों जड़ से हो गये हम। बहुत कुछ था कहने को पर नहीं मालूम क्यों जड़ से हो गये हम।
जी भरकर जी ले इसे। जी भरकर जी ले इसे।
वो मुकम्मल रिश्ते, वो खूबसूरत लम्हों की कुछ याद बाकी है। वो मुकम्मल रिश्ते, वो खूबसूरत लम्हों की कुछ याद बाकी है।
तुम वही हो मेरे यकीन पे भरोसा कीजे। तुम वही हो मेरे यकीन पे भरोसा कीजे।
ठहर जाते ख़्वाब हसीन सारे, नज़र बस तुझ पर अटक जाती। ठहर जाते ख़्वाब हसीन सारे, नज़र बस तुझ पर अटक जाती।
पागल, दीवाना लोग समझते रहे बेखुदी आने लगी अब रास है। पागल, दीवाना लोग समझते रहे बेखुदी आने लगी अब रास है।