Shailaja Bhattad
Classics
खोने के भय से न जीए इसे
दुख के भय से न खोए इसे।
हो जब रूबरू खुशियों से
तो जी भरकर जी ले इसे।
हे प्रभु
जय जय श्रीराम...
राम- भरत
श्री राम- भरत
हिन्दी नारे
श्रीराम
होली है
फूलों की होली
कान्हा होली म...
होली
ये कड़वा सत्य है जो कबूल करना हमारे लिए मुश्किल है। ये कड़वा सत्य है जो कबूल करना हमारे लिए मुश्किल है।
खुदा से बात करके जब चला ’अवधेश’ मस्ती में, नहीं बेहोश पर समझे जमाना मैं नशे में हूं। खुदा से बात करके जब चला ’अवधेश’ मस्ती में, नहीं बेहोश पर समझे जमाना मैं नशे म...
निःशब्द यही शून्य प्रेम का सोपान है. निःशब्द यही शून्य प्रेम का सोपान है.
चाहे घर उजड़ जाये, अपकीर्ति फैल जाये जीते जी बावले वर से इसका विवाह न करूँगी। चाहे घर उजड़ जाये, अपकीर्ति फैल जाये जीते जी बावले वर से इसका विवाह न करूँगी।
परिन्दा उड़ाना चाह्ता हूँ नई दुनिया बसाना चाह्ता हूँ तेरे नज़दीक आना चाह्ता हूँ। परिन्दा उड़ाना चाह्ता हूँ नई दुनिया बसाना चाह्ता हूँ तेरे नज़दीक आना चाह्ता हू...
जिंदा हैं, तो जिंदगी है, वो खूबसूरत पल हैं। वरना मौत के बाद, तो बस यादें बन के रह जाना जिंदा हैं, तो जिंदगी है, वो खूबसूरत पल हैं। वरना मौत के बाद, तो बस यादें बन क...
गिरिजा को ब्याह लाने के लिये, भोले भंडारी शिव की चली है बारात। गिरिजा को ब्याह लाने के लिये, भोले भंडारी शिव की चली है बारात।
दो आत्मा के मिलन का महासंगम है हम सब आशीष दे, करते अभिनन्दन हैं। दो आत्मा के मिलन का महासंगम है हम सब आशीष दे, करते अभिनन्दन हैं।
तो रानी पद्मावती की तरह जौहर कुंड को अपनाती हैं ! तो रानी पद्मावती की तरह जौहर कुंड को अपनाती हैं !
हसन ये हुस्न ये हुस्न ए अख़्लाक़ी हसन ये रुख ये रुख ए बे हिजाबी। हसन ये हुस्न ये हुस्न ए अख़्लाक़ी हसन ये रुख ये रुख ए बे हिजाबी।
विनती करे नर नारी। होली खेले कृष्ण मुरारी।। विनती करे नर नारी। होली खेले कृष्ण मुरारी।।
होली आई रे कन्हाई होली आई रे। आपसी द्वेष मिटाने का गुलाल बना सहारा रंग लगा सब अंग होली आई रे कन्हाई होली आई रे। आपसी द्वेष मिटाने का गुलाल बना सहारा र...
तभी तो भारत देश जैसे पर्व कहीं नहीं मनाते। तभी तो भारत देश जैसे पर्व कहीं नहीं मनाते।
गुनगुनगाना गाती आए तितली मखमली पंखों से प्यार से सहलाती। गुनगुनगाना गाती आए तितली मखमली पंखों से प्यार से सहलाती।
पार्वती के साथ पावन परिणय मनाया गया, शंकर के संरक्षक रूप को जग में जाना गया ! पार्वती के साथ पावन परिणय मनाया गया, शंकर के संरक्षक रूप को जग में जाना गया !
मंगल गीत के बोल गुंजेंगे सखियों के संग ! मंगल गीत के बोल गुंजेंगे सखियों के संग !
मन के लिए बहलाव .... और...... और बहुत कुछ.... जो तुम्हारी सोच से परे हो। मन के लिए बहलाव .... और...... और बहुत कुछ.... जो तुम्हारी सोच से परे हो...
प्यार और विश्वास से सराबोर है,दोनों की सूरत। दोनों हैं करुणा के सागर। प्यार और विश्वास से सराबोर है,दोनों की सूरत। दोनों हैं करुणा के सागर।
और दुनियां में अमन के लिए जरूरी है कि प्रेम में रहे व्यक्ति। और दुनियां में अमन के लिए जरूरी है कि प्रेम में रहे व्यक्ति।
वो हँसी और बोली- मैं ज़िंदगी हूँ तुझे जीना सिखा रही थी वो हँसी और बोली- मैं ज़िंदगी हूँ तुझे जीना सिखा रही थी