मज़े मेरे लिए
मज़े मेरे लिए
मस्ख़रों ने भी मजे मेरे लिए
मैं खिलौना जब बना तेरे लिए
मेरे चारों ओर सारे अपने थे
मक़बरा वो जब बना मेरे लिए
शहर वालों को अमीरी चाहिए
मैं अमीर बना फ़क़त तेरे लिए
ज़िन्दगी भर सिरफ़िरे बन कर रहे
मौत के हम ने ख़ुदा फेरे लिए
फ़ल्सफ़े की अब जरूरत है नहीं
शाइरी ये खास है तेरे लिए
यार बतला दे मुझे वो राज़ तू
क्यों खड़ा है भोली सी शक्लें लिए
