सताता बहुत है, रूलाता बहुत है और तड़पाता बहुत है। सताता बहुत है, रूलाता बहुत है और तड़पाता बहुत है।
रिवायत सी हो गयी है। रिवायत सी हो गयी है।
दुनियाँ की भी अजीब रिवायत है जीते जी जिसे कभी पूछा नहीं जिसका ख्याल नहीं रखा उसके दुनियाँ की भी अजीब रिवायत है जीते जी जिसे कभी पूछा नहीं जिसका ख्याल नहीं...
अल्फाज़ ये मेरे तुम क़भी भूलना मत अक्स में तुम मुझे कभी ढूँढना मत । अल्फाज़ ये मेरे तुम क़भी भूलना मत अक्स में तुम मुझे कभी ढूँढना मत ।
है रोम रोम ये ऋणी तुम्हारा, ताउम्र रहूं मैं अब आभारी ।। है रोम रोम ये ऋणी तुम्हारा, ताउम्र रहूं मैं अब आभारी ।।
छोड़कर आना सारे रियासत, रिवायत तुम मुझे फिक्र नहीं इस जालिम ज़माने की। छोड़कर आना सारे रियासत, रिवायत तुम मुझे फिक्र नहीं इस जालिम ज़माने की।