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Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy Inspirational

भाईचारा

भाईचारा

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एकदम सुंदर नजारा

जैसे फ़लक सितारा

यही धर्म है, हमे प्यारा

जिसके अंदर, समाया

बरसों का भाईचारा

हिंदू गर आत्मा है


मुस्लिम है, धड़कन

ईसाई, बिंदिया तारा

सिख, बिना अधूरा

पूरा हिंद ही, हमारा

अनेकता में एकता


ऐसा अरुण मधुमय,

भारत देश, हमारा

स्वर्ग भी फीका है

हिंद, पावन गीता है

जन्नत से हम लोग

करते है, किनारा


पर कुछ स्वार्थी

बहुत है, खुदगर्जी

अपने भाईचारे की

निकाल रहे है, अर्थी

ऐसा पतझड़ मिटा


जो सूखा रहे, नदी

बिना सब लोगो के

देश न होगा, धनी

मिटा तू पूरे देश से

सारी की सारी बदी

ओर फैला दे, बस,

नेकी ही नेकी


तब ही बनेगा देश

स्वर्ग जैसी कली

सब धर्म समाये

ऐसा देश, हमारा

लहूं रंग एक ही

खुदा भी एक ही,


फिर क्यो लड़े,

जब दिल मे बसे,

हिन्दुस्तां, प्यारा।


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