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Vihaan Srivastava

Romance

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Vihaan Srivastava

Romance

एक तमन्ना आखिरी

एक तमन्ना आखिरी

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तन्हा मुझे तू यकीनन ,तीज व त्योहार की 

है मुझे एहसास तेरा, क्या वजह दीदार की

एक तमन्ना आखिरी, तू घोल बैठी रूह में 

सूरते बिगाड़ दी हैं, यार मैने हार की।। 


था नही पाबंद मै, आज खुद में कैद हूं

न पड़े सिकन तुझे, मै हर घड़ी मुस्तैद हूं

एक तमन्ना आखिरी, तू घोल बैठी रूह में

कैसे कहूं तू जान है, मै तेरा जुनैद हूं।।


न रहा मुझमें कभी, तू सुन सके मेरी वेदना 

मुझको सिर्फ जोड़नी थी, तेरी ही संवेदना 

एक तमन्ना आखिरी ,जो घोल बैठी रूह में 

आज भी जारी मेरा है ,खुद को ही कुरेदना।।


तेरी मुस्कुराहटो सें , इश्क था मुझे 

तेरी मान निष्ठा में, मदहोश हो गया 

एक तमन्ना आखिरी, घोल बैठी रूह में 

अब सबके ख़ातिर ही मै, सरफरोश हो गया 


तूने मुझको इस कदर, सुधार डाला है 

हर अंधेरे में मुझे, दिखता ऊंजाला है 

एक तमन्ना आखिरी, घोल बैठी रूह में 

धड़कनों में तेरा ही तो, बोलबाला है 


सीख हूं चुका सनम, मै खुद होना तबाह 

रौंद दे मुझको भले, पर सुन नही अफवाह 

एक तमन्ना आखिरी, तू घोल बैठी रूह में

अब बची नही है मुझमें, कोई दूजी चाह।।



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