स्वाभिमान
स्वाभिमान
खुद का गुरूर बरकरार रखना
मन में जुनू को तैयार रखना
मकसद में जितनी मायूसियत मिले
रफ्तार में तेज़ धार रखना
जरूरी नहीं लक्ष्य मिलते रहें
दिल में जरा इंतजार रखना
शत्रु डराए तो झुकना नहीं
हथेली में अपने तलवार रखना
भटके अगर कभी राहों में तुम
शिद्दत से थोड़ा सरोकार रखना
जज़्बात जब भी कमजोरी बने
रिश्तों में थोड़ा सुधार रखना
मन की व्यथा जो बता ना सको
लफ्जो में थोड़ा सिंगार रखना
घबराहट जब भी महसूस हो
साहस से भी कारोबार रखना
उलझन कभी हद से ज्यादा बढ़े
उम्मीदों में चीत्कार रखना
कैसी भी परिस्थिति हो लेकिन यार
इस स्वाभिमान को बरकरार रखना।