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Mayank Kumar

Abstract Drama Tragedy

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Mayank Kumar

Abstract Drama Tragedy

मत पढ़ना कोई इतिहास

मत पढ़ना कोई इतिहास

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आंखों में मत पढ़ना कोई इतिहास

चौखट बदल जाएगी अपनों के


बहुतों ने खुद को फूंक दिया है वहां

जहां कभी घर था अपनों के


किसी पर अब न पहरे देना तमाम

कहीं निकल ना जाए चोर अपनों के


 बहुतों को देखा कुछ उन्हें भी देखो

शायद बन जाए काम अपनों के


हैरान होकर बेकार ही बैठे हो तुम

तुमने ही चुना है शासक अपनों के।


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