दिल तो बच्चा
दिल तो बच्चा
ऐसे सपने हैं कि मैं जागूँ नहीं
कैसे पागल सा बन भागूँ नहीं।
इंतजार था, कब से इनका बड़ा
आज हाथ पसारे मेरे आगे खड़ा।
लूँ क्या मैं इसके हाथों को थाम
लिखा लूँ क्या इसके संग मैं नाम
डर लगता है, उनका बनने में जी
दिल तो बच्चा है जी, थोड़ा कच्चा है जी।
