शब्द श्रृंगार
शब्द श्रृंगार
किसी ने मुझे पूछा,
'कैसे हैं आप?"
मैंने कहा..
हँसते बहोत हैं
मुस्कुराते कम हैं...
रोते नहीं,
बस आँखे नम हैं।
सवाल सी ज़िंदगी है
जवाब नहीं कोई...
शोर तो बहोत है,
पर उसकी आवाज नहीं कोई...
