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Bhavna Thaker

Abstract

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Bhavna Thaker

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मेरा बेटा मेरा अभिमान

मेरा बेटा मेरा अभिमान

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मेरा बेटा मेरा अभिमान कभी ये भी बोलकर देखें, 

बेटियों की बातें हर दूसरी पोस्ट पर पढ़ ली

कुछ गलत नहीं,पर

आज एक एसा माहौल खड़ा कर दिया है

सबने मिलकर की भाग्यशाली के घर ही बेटी पैदा होती है.!

ये कहकर क्या हम बेटों के साथ अन्याय नहीं कर रहे ?

तो क्या जिसके घर बेटा पैदा होता है वो पापी है ?

ये एक ढ़ोंग है साहब बेटी के जन्म पर मानों मन को मना रहे हो.!

कुछ एक को बाद करके समाज में हर तरह की

जिम्मेदारी एक बेटा ही तो निभाता है, 

बेटियाँ ससुराल की नींव है बेटे हमारी धरोहर है.!

बहुत लोगों को कहते सुना है की जो

प्यार बेटियाँ दे सकती है वो बेटे नहीं दे सकते.!

एसा क्यूँ?

मुझे तो मेरे दोनों बच्चों से एक सा प्यार मिला है

हाँ भावनाएँ जताने में बेटियों की तरह बेटे शायद खुलकर ना जता पाएँ

तो इसका मतलब यह नहीं है कि बेटे को हमारी परवाह नहीं है.!

आज तक सुना है किसी बेटे ने शादी से पहले माँ बाप को वॄद्धाश्रम भेजा हो?

मानों ना मानों उसके पीछे किसीकी लाड़ली बेटी का ही हाथ होता है.!

दिल पर हाथ रखकर कहिएगा जितना बेटी ओर दामाद के साथ

हम घुल-मिल जाते है क्या उतना बेटे बहू के साथ एडजस्ट होते है? 

क्यूँ आख़िर बेटे बहू को एक शक के दायरे में ही रखते है.!

एक बार बेटे पर भरोसा करके देखिए बेटा कोई कसर नहीं छोड़ता फ़र्ज़ निभाने में, 

बेटा मतलब हमारी भावनाओं की कोंपलें ..

बेटा मतलब फूल को झँखता वृक्ष..

बेटा मतलब 

हमारे जाने के बाद भी बेटियों के लिए मायके के खुल्ले दरवाजे.! 

बेटा मतलब अपने काँधे पर हर जिम्मेदारी को ढ़ोता सहारा.!

बेटी के आँसू सबकी वोटसअप फेसबुक की वाॅल भिगोते है,

बेटे के आँसू देखे है कभी ?

सुबह उठकर बेटा जब नौकरी की जुगाड़ में निकल जाता है

तब एक माँ जब उसके तकिये का गिलाफ छूती है

तो उसकी नमी दिल चीर देने वाली होती है.!

बेटी को चाहते रहो ताउम्र पर बेटों को समझो वो चाहने लगेगा आपको.!

बेटे की भावनाओं को परवाज़ चाहिए थोड़ा सहला दो

हथेलियों से थामकर आपको अपने दिल के आसमान पर बिठाएगा.! 

बेटियों को एसे संस्कार दे की समाज में से वृद्धाश्रम का कलंक ही मिट जाए

बेटियाँ गुरुर है तो बेटे गृहस्थंभ है गौरव है।।

चलो आज ये भी कहे मेरा बेटा मेरा अभिमान है।।



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