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Abhinav Mishra

Abstract

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Abhinav Mishra

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मेरी दसवीं कक्षा - I (सवेरे)

मेरी दसवीं कक्षा - I (सवेरे)

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सुबह - सवेरे जब अँधेरे को बहुत हाहाकार थी।

उठ जा उठ जा मेरे पिता की सुनी मैंने पुकार थी। I

बिना मन के उठकर सब काम मैंने पूर्ण किया ।

पर पढ़ते समय मच्छरों ने मुझ ही परेशान किया ॥

हिलते डुलते देख पिता जी ने मुझ पर डांट लगाई ।

11वी फीसिक्स , 12 वी फीसिक्स 11 वी मैथ्स 10 वो कहाँ ।

ये सब तो नाम का था मुझ तो कुछ भी याद न रहा।।

8 बजे पढ़कर उठ के मैंने माता जी को पुकार लगाई ।

8:15 तक पढ़ो, मेरी पापा जो ने वाट लगाई ॥

जैसे तैसे पिट पिटकर विद्यालय के लिए तैयार हुआ ।

अनंत नीलिमा को देखकर उस समय में भी खुश हुआ ॥


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