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Dinesh Dubey

Abstract

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Dinesh Dubey

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गम का सागर

गम का सागर

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जीवन में आता रहता है ,

गम का सागर कई बार,

उसकी लहरों से खेले बिना ,

जीवन में ना होंगे पास।

गम के बिना खुशियों का ,

पता ना चलता कोई मोल ,

गम के सागर से निकलना,

खुशियों के दामन थामना है,।

गम तो सबको है रुलाता,

समय की कीमत वो है समझाता,

एक एक पल को कैसे झेले,

उसका तरीका है बतलाता।



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