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Vivek Gulati

Abstract Inspirational

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Vivek Gulati

Abstract Inspirational

सफर

सफर

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साथ जल्दी छोड़ गए तुम हमारा

खता क्या हुई हमसे, ए यारा।

यकीं आज भी नहीं होता है

साथ बिताया हर पल याद आता है।

वक्त फिसलता जा रहा है, हर धड़कन के साथ

कल हो न हो, ऐसे जियो आज।

गिले शिकवे भूल, गले लग जाओ

यादें रखो मीठी और दोस्ती यादगार बनाओ।

घंटी तो एक दिन बजनी है सबकी

खुशी से काट लो, जितनी रह गई अब बाकी।


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