आज
आज
बुरी खबर की आहट जब सताती है,
ज़िंदगी की सच्चाई समझ आती है |
खुली आँख से देखे सारे सपने टूट जाते हैं,
पाँव जब वास्तविकता की ज़मीन से टकराते हैं |
रोज़मर्रा की ज़िंदगी में उलझे रहे,
अपनी ख्वाहिशें स्थगित करते रहे,
कल के चक्कर में आज गवाँ दिया
ज़िंदगी...ये तूने कैसा सिला दिया |
थोड़ा ठहराव अब ज़रूरी है,
अपनों के बिना ज़िंदगी अधूरी है
नकारात्मक विचारों से मुक्ति पाओ,
मन-मुटाव भूल कर गले लगाओ |
आगे क्या है किस्मत में, किसको पता,
आज में जियो, भविष्य तो बस है जुआ |
