देशप्रेम
देशप्रेम
इस देश को अपना मानो,
माँ *भारती* से हो तुम, यह जानो |
रक्त के हर कतरे में देशभक्ति हो,
हर साँस में बलिदान की शक्ति हो |
*देश को रखो सर्वप्रथम,*
*देशहित में बढ़ाओ हर कदम*|
आज़ादी के बलिदान की गाथा करो याद,
आने वाली पीड़ी की वो हो बुनियाद |
बटने नहीं देंगे माँ भारती को कभी,
आखरी साँस तक लड़ेंगे सभी |
दुश्मन अगर आँख उठा कर देखेगा,
*अपनी जान से हाथ धो बैठेगा*|
*आओ मिलकर लेते हैं शपथ,*
*तिरंगे की आन और शान के लिए पार करेंगे हर अग्निपथ*|
