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Vivek Gulati

Abstract Inspirational

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Vivek Gulati

Abstract Inspirational

देशप्रेम

देशप्रेम

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इस देश को अपना मानो, 

माँ *भारती* से हो तुम, यह जानो |


रक्त के हर कतरे में देशभक्ति हो,  

हर साँस में बलिदान की शक्ति हो |


*देश को रखो सर्वप्रथम,*

*देशहित में बढ़ाओ हर कदम*|


आज़ादी के बलिदान की गाथा करो याद,

आने वाली पीड़ी की वो हो बुनियाद |


बटने नहीं देंगे माँ भारती को कभी,

आखरी साँस तक लड़ेंगे सभी |


दुश्मन अगर आँख उठा कर देखेगा,

*अपनी जान से हाथ धो बैठेगा*|


*आओ मिलकर लेते हैं शपथ,*

*तिरंगे की आन और शान के लिए  पार करेंगे हर अग्निपथ*|


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