STORYMIRROR

GOPAL RAM DANSENA

Abstract

3  

GOPAL RAM DANSENA

Abstract

तीन शब्द

तीन शब्द

1 min
269

जब सारी भावनायें भरी है

केवल तीन शब्दों में

फिर आदमी परेशान क्यों है !

चल छोड़ रस्म बंधन तू

झट कह दे आई लव यू

अपनी संस्कृति का मान रहे ना रहे

अपने मा-बाप का सम्मान रहे ना रहे

जब सारी आशाएं भरी हैं

केवल तीन शब्द में

फिर इंसान, बेईमान क्यों है!

चल फर्ज निभा ,प्यार ही सब है तेरे लिए

प्यार ही प्यार बढ़ा, प्यार का ही घेरे लिए

मिट जा मर जा जिसे दुनियां बदनाम कहता है

कान ही कान में जिसे दुनियां बुरा काम कहता है!

जब सारी भावनायें भरी हैं

केवल तीन शब्दों में

फिर आदमी परेशान क्यों है!


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract