जन्मदाता
जन्मदाता
प्यार के धागों से दोनों रिश्तों की माला सजाते
और रिश्तों की पहेली में खुद भी खो जाते।
जिंदगी के अंधेरों में भी हमें आशा दिखाते
और रिश्तो भूख मिटा खुद खाली पेट सो जाते।
हमारी आंखों में वो एक आंसू ना देख पाते
और हमारी जरूरतों के लिए अपनी ख्वाहिशें कुर्बान कर जाते।
रिश्तो में प्यार दोनों बखूबी निभाते
और सपनों के झूले में हमें उड़ना सिखाते।
हमारी खुशी के लिए जो दुनिया से लड़ जाते हैं
आज हम उन्हें ही पीछे छोड़ जिंदगी में आगे बढ़ जाते हैं।
आज अपना कर्ज़ हम उन पर हर रोज जताते हैं
और उनके बलिदानों को फर्ज का नाम दे जाते हैं।
अपनी खुशी हम हर रोज मनाते हैं
लेकिन अफसोस उनकी खुशी में कभी शामिल नहीं हो पाते हैं।
अपनी बातों से हम उन्हें हर पल रुलाते हैं
लेकिन फिर भी दोनों प्यार से हमें बेटा बुलाते हैं।