जिंदगी के रंग
जिंदगी के रंग


जिन्दगी के रंग भी कितने अजीब है
जो कभी हंसाती है तो कभी रुलाती है
कभी गिराती है तो कभी सिखाती है
कभी जिंदगी जीने का मकसद बताती है
तो अपने सपनों की ओर हमे उड़ना सिखाती है
कभी टूटे हौसलों को लेकर
फिर से उठकर, उड़ना सिखाती है
तो कभी हारे हुए जीवन में
हमें फिर से मुस्कुराना सिखाती है
कभी बुरे वक्त में भी हमें
जिंदगी की जंग से लड़ना सिखाती है
और वक्त कैसा भी हो
हमें मुस्कुरा के आगे बढ़ना सिखाती है।